केंद्र सरकार ने पिछले साल प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) की शुरुआत की थी। सोमवार, यानी 15 जनवरी को, पीएम-जनमन योजना के अंतर्गत एक लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की जाएगी। इन लाभार्थियों में वह शामिल हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई – जी) के दायरे में आते हैं।
पीएम-जनमन योजना के तहत 4.90 लाख पक्के मकानों का प्रदान करने का प्रावधान है, जिसकी एक मकान की लागत 2.39 लाख रुपये है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत, सरकार लाभार्थियों को सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे हर व्यक्ति को सब्सिडीयरी दर पर मकान उपलब्ध होता है। इसका मतलब है कि लाभार्थियों को सब्सिडीयरी डीडी का भी लाभ होगा।
आधिकारिक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लाभार्थियों को किस्तें जारी करेंगे और इस दौरान उन्हें से बातचीत का भी अवसर मिलेगा।
योजना का क्या है मकसद
योजना का मकसद देश भर के 200 जिलों में स्थित 22,000 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), बहुसंख्यक जनजातीय बस्तियों, और पीवीटीजी परिवारों तक पहुंचना है।
इसके लिए सरकार ने अनुसूचित जनजातियों संबंधी विकास कार्य योजना (डीएपीएसटी) के तहत वित्त वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक 24,104 करोड़ रुपये का बजट बनाया है। इसमें केंद्रीय हिस्सा 15,336 करोड़ रुपये है और राज्य का हिस्सा 8,768 करोड़ रुपये है। इसमें 9 प्रमुख संबद्ध मंत्रालयों/विभागों का सहयोग है।
इन योजनाओं का मिलेगा लाभ
इन योजनाओं के तहत सरकार की कोशिश है कि इस वर्ग को केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से लाभ मिले। उदाहरण के लिए, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड आदि जैसी योजनाओं का उपयोग किया जा सकता है। इसमें शामिल होने वाले योजनाओं से लाभार्थियों को सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षिक क्षेत्रों में सुरक्षा मिलेगी।
बताया जाता है कि 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में अनुसूचित जनजाति की आबादी 10.45 करोड़ थी, जिसमें 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित विज्ञापन-समृद्ध रहा।
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