PPF v/s Mutual Fund: पीपीएफ या म्यूचुअल फंड? जानिए कहाँ पैसा लगाकर आप बन सकते हो करोड़पति, ये है गणित

PPF v/s Mutual Fund
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आज के समय में आपको निवेश के कई सारे विकल्प मिल जाते है। हमे एक ऐसे विकल्प की तलाश रहती है जिसमे हमारे पैसे सुरक्षित हो और हमे मोटा रिटर्न मिले। हालांकि, सब के लिए फ्यूचर प्लान एक सा नहीं होता है।

लोग अपने फ्यूचर प्लान के हिसाब से निवेश के अलग अलग तरिके अपनाते है। कुछ लोग ऐसे होते है की रिस्क लेने की स्थिति में होते है तो वही कुछ लोग ऐसे होते है जो की अपने पैसे किसी सुरक्षित जगह पर निवेश करना चाहते है।

अगर हम दोनों तरीको के अलग-अलग उदाहरण ले तो अच्छे रिटर्न के लिए म्युचुअल फंड लोगो के लिए पसंदीदा है लेकिन यह बाजार जोखिमों के अधीन है। वही सुरक्षित माध्यमों में PPF को बेहतर ऑप्शन माना जाता है।

यदि आप भी अपना निवेश शुरू करना चाहते हो तो आपके लिए आज का यह आर्टिकल बेहद ही महत्वपूर्ण रहने वाला है क्योंकी की इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको म्युचुअल फंड और पब्लिक प्रोविडेंट फंड के बीच के अंतर के बारे में बताने वाले है ताकि आप भी इन्हे समझकर अपना निवेश शुरू कर सके।

आइए जानते है म्युचुअल फंड और पब्लिक प्रोविडेंट फंड में क्या फर्क है, दोनों में कौन ज्यादा फ़ायदेमंद है और किस योजना से आप करोड़पति बन सकते हो।

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (PPF)

यदि आप सुरक्षित निवेश करना चाहते हो तो आपके लिए PPF एक अच्छा ऑप्शन है। फ्यूचर के लिए सेविंग करने में यह स्कीम काफी मदद करती है। इस स्कीम में आपको इनकम टैक्स पर भी छूट मिल जाती है।

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पीपीएफ के निवेशकों को डिपॉजिट पर अच्छा ब्याज मिल जाता है। जमा राशि पर मिलने वाले इस ब्याज पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता है। इस स्कीम के फायदे कुछ इस प्रकार से है-

  • गवर्नमेंट से सिक्योर्ड- इस स्कीम में निवेश की गारंटी सरकार लेती है।
  • सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट- पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश करने पर आपको टैक्स में सालाना 1.50 रुपए तक आयकर में छूट ले सकते हो।
  • 500 रुपए भी जमा करने की सुविधा- आप इस स्कीम में न्यूनतम 500 रुपए से अपना निवेश शुरू कर सकते हो।

म्युचुअल फंड

इस स्कीम में आपके पैसे को प्रोफेशनल लोग अपने निवेश में लगाते है। वे अपने हिसाब से इस पैसे को किसी भी जगह इन्वेस्ट कर सकते है। आपको इसमें अपने पैसे निवेश करने रहते है इसके बाद आपके निवेश किए हुए पैसे को प्रोफेशनल लोग अपने हिसाब से निवेश करते है। ये लोग खासकर आपका पैसा शेयर बाजार में लगाते है। इसमें पैसे लगाने के ये है फायदे-

  • इस स्कीम में आप न्यूनतम राशि से भी अपने निवेश की शुरुआत कर सकते हो।
  • इसमें आपको बढ़िया रिटर्न मिल जाता है।
  • इस स्कीम में आपके फंड को प्रोफेशनल मैनेज करते है।
  • आपको एसआईपी के साथ ही लंप संप के विकल्प मिल जाते है।
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दोनों में बेहतर कौन?

आप यदि आप अपने फ्यूचर प्लान को लेकर अपना निवेश शुरू करते हो तो आपको निवेश के लिए इन दोनों स्कीम के बारे में जानना जरुरी है। ताकि आप अपने अनुसार किसी भी विकल्प का चयन कर सके। आइए हम एक उदाहरण से समझते है-

हम सबसे पहले PPF में निवेश के फॉर्मूले को समझते है। मान लीजिए आप पीपीएफ स्कीम में हर माह अपना 10000 रुपए का इन्वेस्टमेंट कर करोड़पति बनाना चाहते हो।

अभी मौजूदा समय में इस स्कीम में आपको 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। पीपीएफ पर रिटर्न घटता या बढ़ता रहता है। मौजूदा ब्याज दर के हिसाब से आपको करोड़पति बनने में 27 साल से अधिक का समय लग जाएगा।

वही अगर हम म्युचुअल फंड की बात करे तो इसमें 12 फीसदी सालाना रिटर्न बड़े आराम से मिल जाता है। इस स्कीम में आपको कंपाउंडिंग का भी फायदा मिल जाता है। यदि आप हर महीने 10000 रुपए का निवेश कर रहे हो तो आपको 12 फीसदी सालाना रिटर्न मिल जाता है।

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इस हिसाब से आप अपने करोड़पति बनने के सपने को 20 साल में पूरा कर सकते हो। यदि हम 15 फीसदी सालाना रिटर्न के हिसाब से देखे तो आप 20 साल में आपको इसी निवेश पर 1.75 करोड़ रुपए मिलेंगे। इस योजना की खास बात यह हे की यह न केवल पीपीएफ से पहले आपको करोड़पति बनती है बल्कि इसमें निवेश की मूल राशि भी कम रहती है।

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